सामाजिक चिंता
शर्म तो सभी को आती है। शर्माना एक सामान्य बात है और इससे हमारे दिन प्रतिदिन के जीवन में कुछ ज़्यादा रुकावट नहीं आती है। नए लोगों से मिलने में थोड़ी बहुत चिंता तो हर कोई महसूस करता है। हम में से कई लोग ऐसे होते हैं जो इंटरव्यू से पहले या स्टेज पर ऑडियंस का सामना करते हुए कुछ हद तक थोड़े चिंतित रहते हैं। हांलाकि, सामाजिक चिंता से ग्रस्त लोग दूसरे लोगों के साथ होने पर बहुत ज़्यादा चिंतित/परेशान हो जाते हैं। यह लोग सामाजिक तौर पर लोगों का सामना करने में खुद को काफी असुखद महसूस करते हैं।
इसका मुख्य कारण है:
- वह इस बात को लेकर चिंतित रहते हैं कि लोग उनकी आलोचना करेंगे
- उन्हें यह चिंता भी सताती रहती है कि कहीं वह कुछ ऐसा न कर दें जिसके कारण उन्हें शर्मिन्दा होना पड़े
सामाजिक चिंता (या जिसे कई बार सामाजिक डर भी कहा जाता है) काफी तकलीफदेह होती है क्योंकि यह आपको दूसरे लोगों के साथ बातचीत का आनंद लेने में रुकावट पैदा करती है और ऐसे में आप सामाजिक परिस्थितियों से पूरी तरह दूर होने लगते हैं और खुद को अकेला व अजनबी महसूस करने लगते हैं।
आखिर सामाजिक चिंता है क्या?
सामाजिक चिंता दो तरह की होती है। पहली सामान्य सामाजिक चिंता और दूसरी असामान्य / विशिष्ट सामाजिक चिंता।
सामान्य सामाजिक चिंता एक सामाजिक डर की तरह होती है जिसमें आप निम्नलिखित प्रकार की चीज़ें करते हैं:
- आप इस चिंता में रहते हैं कि दूसरे लोगों की नज़र सिर्फ आप पर है और शायद वह ये देख रहे हैं कि आप क्या कर रहे हैं
- आप नए लोगों से मिलने से बचते हैं
- आप दुकानों और रेस्टोरेंट या किसी भी ऐसी जगह पर जाने से कतराते हैं जहाँ बहुत सारे लोग इकट्ठे हों
- आप सार्वजनिक स्थानों पर खाने या पीने में कठिनाई महसूस करते हैं
- आप दूसरों के साथ घुलने मिलने में असमर्थ रहते हैं, फिर चाहें यह करना आपके लिए कितना भी ज़रूरी क्यों न हो
जो लोग सामान्य सामाजिक चिंता से पीड़ित होते हैं वह आमतौर पर पार्टियों में जाना पसंद नहीं करते। ऐसे लोग उस कमरे के अन्दर जाने से भी डर और संकोच महसूस करते हैं जहां बहुत सारे लोग हों। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि उन्हें लगता है कि हर कोई सिर्फ उन्ही की प्रतिक्रियाओं को देख रहा है।
असामान्य / विशिष्ट सामाजिक चिंता
असामान्य/विशिष्ट सामाजिक चिंता में, आप आकर्षण का केंद्र बनने से दूर रहते हैं। इस तरह की सामाजिक चिंता आपको दूसरों से घुलने मिलने से नहीं रोकती है लेकिन यह आपको दूसरों के सामने खड़े होकर बात करने या परफॉर्म करने में बाधा डालती है। इससे आप स्थिर हो जाते हैं, हकलाने लगते हैं और चुप्पी साध लेते हैं। ऐसे लोगों के लिए खड़े होकर सवाल पूछना भी एक चुनौती की तरह हो सकता है जो एक भयंकर चिंता का कारण है।
सामाजिक चिंता से पीड़ित होने पर किस तरह के एहसास का अनुभव होता है?
अगर आप सामाजिक चिंता से पीड़ित हैं, तो आपको कुछ ऐसे एहसास होंगे जैसे कि:
- आप लगातार इस चिंता में रहेंगे कि कहीं आप खुद को दूसरों के आगे शर्मिंदा न कर बैठें
- आप उन सब बातों के बारे में सोच कर चिंतित होंगे जो किसी सामाजिक परिस्थिति में अनुचित हो सकती हैं
- यह जानते हुए भी कि आपको क्या बोलना है और क्या करना है, तो भी आप उसे विश्वास के साथ न तो बोल पाते हैं और न कर पाते हैं
- किसी विशेष घटना के बाद, आप लगातार यह सोच कर चिंतित रहते हैं कि आप उसे कैसे बेहतर कर सकते थे।
सामाजिक चिंता के लक्षण क्या हैं?
- आपका मुंह सूखने लगता है
- आपको पसीना आने लगता है
- आपका दिल ज़ोर से धड़कने लगता है
- आप पेशाब करना चाहते हैं या अपनी अंतड़ियों को आराम देना चाहते हैं
- आप स्तब्ध महसूस करते हैं और अपनी उँगलियों और पंजों में झनझनाहट जैसा अनुभव करते हैं
- आपके चेहरे पर लाली आ जाती है
- आप हकलाना शुरू कर देते हैं
- आप थरथराना और कांपना शुरू कर देते हैं
यह कुछ खतरनाक लक्षण हैं, लेकिन सामाजिक चिंता से पीड़ित हर कोई ऊपर बताये गए सभी लक्षणों का अनुभव नहीं करता पर कुछ लक्षण ज़रूर दिखाता है।
अगर आप सामाजिक चिंता से पीड़ित हैं तो आप पैनिक अटैक्स का भी अनुभव कर सकते हैं। पैनिक अटैक कुछ समय के लिए ही रहता है लेकिन यह आपको बहुत ज़्यादा चिंतित और भयभीत बना देता है। इतना ही नहीं, इसके कारण आपको यह डर भी होने लगता है कि कहीं आप खुद पर से अपना नियंतरण न खो दें।
सामाजिक चिंता हमारे आत्मसम्मान को कैसे प्रभावित करती है?
सामाजिक चिंता आपके आत्मसम्मान और आत्म-मूल्य को प्रभावित कर सकती है। यह आपको इस बात की चिंता में डाल देती है कि लोग आपको एक बोर और बेवक़ूफ़ इन्सान समझ रहे हैं। साथ ही यह आपको उन साधारण चीज़ों को करने से भी रोकती है जो दूसरों की नज़र में स्वाभाविक हैं। सामाजिक चिंता आपको दीर्गावधि/स्थायी सम्बन्ध बनाने में भी बाधा डालती है। आप ऐसा मानने लगते हैं कि दूसरे लोग आपको अपनी दोस्ती के काबिल नहीं समझेंगे।
यह 100 में से 5 लोगों को प्रभावित करती है और पुरुषों की तुलना में दो या तीन गुना महिलाओं की सामाजिक चिंता से पीड़ित होने की सम्भावना होती है।
सामाजिक चिंता से कोई परेशानी हो सकती है?
सामाजिक चिंता से निम्नलिखित परेशानियाँ हो सकती हैं:
- यह आपको निराश भी कर सकती है
- इससे आपको भीड़ का डर या खुले में जाने का डर पैदा हो सकता है। साथ ही यह आपके घर से बाहर निकलने में बाधा डाल सकती है
- अपने डर का सामना करने के लिए यह आपको शराब, नशीले पदार्थ और यहाँ तक कि ट्रैंक्विलाइज़र के घेरे में ला सकती है
- यह सामाजिक अलगाव का भी कारण बन सकती है
सामाजिक चिंता का कारण क्या है?
ऐसा कोई कारण अभी तक सामने नहीं आया है जिससे पता चल सके कि एक व्यक्ति सामाजिक डर से क्यों पीड़ित होता है। इसका कारण बीते वर्षों के दौरान नकारात्मक या दुर्घटना का अनुकूलन हो सकता है। यह उन लोगों को प्रभावित करती है जो बचपन में हकलाते थे या फिर वह लोग जिनके साथ छेड़छाड़ की गयी हो और साथ ही वह लोग भी जो सामाजिक व्यवहार के उच्च मापदंडों को लेकर चिंतित रहते हैं। सामाजिक चिंता उस समय भी होती है जब 3 से 7 साल के बीच की उम्र का बच्चा / बच्ची अपनी शर्म में अटक कर रह जाता / जाती है।
सामाजिक चिंता पीछा क्यों नहीं छोड़ती?
इसके पीछा न छोड़ने का कारण है:
- सामाजिक परिस्थितियों के विषय में हमारी नकारात्मक और डरावनी सोच
- सुरक्षा व्यवहार की खोज, यानि कि खुद को सुरक्षित महसूस करने के लिए डरावनी सामाजिक परिस्थितियों से दूर रहना
- क्योंकि हम चिंता का पूर्वानुमान लगाते हैं और साथ ही उन सामाजिक कार्यक्रमों को खराब कर देते हैं जिनका सामना करने से हम डरते हैं
- हमारी सोच
किसी भी सामाजिक परिस्थिति में दाखिल होने से पहले, आप किसी ख़ास तरीके से सोचना शुरू कर देते हैं जिसके बदले में आप खुद को बहुत चिंतित महसूस करने लगते हैं।
आप सोच सकते हैं कि:
- आपने खुद के लिए ऐसे कड़े नियम बनाये हैं जिनका पालन आपको हमेशा करना पड़ेगा। उदहारण के लिए, आप खुद से ये कह सकते हैं कि आपको हमेशा होशियार दिखना चाहिए और होशियारी से काम करना चाहिए
- आप एक बोरिंग इंसान हैं
- आप अनुमान लगाना शुरू कर देते हैं कि भविष्य में क्या होने वाला है। आप डर महसूस करते हैं कि जब कोई व्यक्ति आपके बारे में जानेगा तो वह आपको किसी न किसी तरीके से अयोग्य समझेगा
आप बहुत ज़्यादा सोचने लगते हैं, और हर समय खुद की और अपने व्यवहार की आलोचना करने लगते हैं। भले ही आपके समर्थन में कोई सबूत हो या न हो, फिर भी आप इस बात पर विश्वास करने लगते हैं कि आपके विचार सही हैं।
- सुरक्षा व्यवहार
खुद को नियंतरण में रखने के लिए आप ऐसी चीज़ें करते हैं जैसे कि:
- शराब पीना
- दूसरों की आँख से आँख न मिलाना
- ऐसी जगहों को चुनना जहाँ दूसरे लोगों से बातचीत करने के कम मौके हों
- अपने या अपनी ज़िन्दगी के विषय में बातचीत की शुरुआत न करना
- कार्यक्रमों का पूर्वानुमान लगाना और उनको खराब करने के बारे में सोचना
आप उन सामाजिक परिस्थितयों के बारे में सोचते रहते हैं जिनका आप सामना करते हैं- चाहें पहले या फिर बाद में- और अपनी उन गलतियों को ढूंढते हुए कि आपको कैसा व्यवहार करना चाहिये था या किस प्रकार की प्रतिक्रिया देनी चाहिए थी इस बात को लेकर आप खुद को बड़ी बारीकी से देखते हैं और खुद की अत्यधिक आलोचना करते हैं।
मेरी मदद कौन कर सकता है?
सामाजिक चिंता की अपनी समस्या का सामना आप खुद कर सकते हैं या फिर मनोवैज्ञानिक उपचार का सहारा ले सकते हैं। खुद की मदद के लिए, आपको निम्नलिखित चीज़ें करनी चाहियें:
- अगर आप सामान्य तौर पर बहुत ज़्यादा शर्मीले हैं, तो अपने आत्मसम्मान और दृढ़ता को बड़ाने के लिए किसी समूह से जुड़ने या क्लासेस लेने की कोशिश करें
- ऐसी तकनीकें सीखें और इस्तेमाल करें जो आपको आराम पहुँचाने में मदद कर सकती हैं। अपनी शर्माने की आदत और सामाजिक चिंता पर काबू पाने के विषय में सीखने के लिए किताबों, CD और अन्य मीडिया का इस्तेमाल करें
- खुद के बारे में आने वाले अपने सभी विचारों का ब्यौरा रखें और इस ब्यौरे को अपनी सामाजिक चिंता का सामना करने में इस्तेमाल करें
- इस बात पर ध्यान न लगाएं कि आप अपने दिमाग में खुद से क्या कह रहे हैं, बल्कि इस बात पर ज़्यादा ध्यान दें कि लोग क्या कह रहे हैं
- कोशिश करें कि आप सुरक्षा व्यवहार का इस्तेमाल न करें; सबसे आसान से शुरुआत करें और फिर एक एक करके उनसे छुटकारा पायें
- चिंताजनक परिस्थितियों का छोटे-छोटे चरणों में खंडन करें और फिर एक बार में एक चरण से बाहर निकलने की कोशिश करें
स्वयं-सहायता / सेल्फ-हेल्प पर आधारित किताबें पढ़ने के द्वारा भी आप अपनी मदद कर सकते हैं। इन किताबों से आप जानेंगे कि सामाजिक चिंता का सामना कैसे किया जाता है।
मनोवैज्ञानिक उपचार
मनोवैज्ञानिक उपचार कई प्रकार के होते हैं जैसे कि:
- अपनी सामाजिक योग्यताओं में सुधार लाना
आपके लिए यह समझना ज़रूरी है कि अपनी सामाजिक योग्यताओं को कैसे बेहतर बनाएं। इन योग्यताओं को सीखना ज़रूरी है, क्योंकि ये आपको दूसरे लोगों के साथ होने पर आरामदेह और आत्मविश्वासी महसूस करना सिखाती हैं। इसके द्वारा आप यह कौशल भी सीखते हैं कि एक पूरी तरह अजनबी व्यक्ति के साथ बातचीत कैसे शुरू करनी है। अपनी सामाजिक योग्यताओं को बढ़ाने के लिए, अपने विडियो बनाने की कोशिश करें। इन विडियो को यह जानने के लिए इस्तेमाल करें कि किसी विशेष परिस्थिति में आपने क्या किया और उसी परिस्थिति को और ज़्यादा बेहतर बनाना कैसे मुमकिन है।
- धीरे-धीरे खुद को परिस्थितियों और लोगों के सामने लेकर आयें
नियमित रूप से लोगों का सामना करना सहायक होता है क्योंकि किसी भी स्थिति को लेकर आप बेशक कितना ही डरे हुए क्यों न हों, लेकिन जब आप उस स्थिति का सामना करते हैं तो आपकी चिंता धीरे-धीरे ख़त्म होने लगती है। सामाजिक परिस्थितियों और लोगों का सामना करने से आपको अपने डर से बाहर निकलने में मदद मिलेगी। आप इसे धीरे-धीरे कदम दर कदम कर सकते हैं, यानि कि सबसे कम खतरनाक परिस्थिति से शुरू करते हुए सबसे खतरनाक परिस्थिति की ओर चलें। सम्पूर्ण सूची के मुताबिक काम करें और फिर प्रत्येक डरावनी परिस्थिति को एक के बाद एक संभालें और उसका समाधान करें।
- संज्ञात्मक व्यवहार उपचार (CBT)
सामाजिक चिंता से निवारण के लिए CBT एक बेहद ही प्रभावशाली और प्रमाणित उपचार है। CBT सामाजिक परिस्थितियों और वह लोग जिनपर आपको संदेह रहता है उनके प्रति आपकी अपनी समझ और सोच में सुधार लाता है। आपके चिकित्सक आपकी इस तरह मदद कर सकते हैं:
- वह आपके द्वारा बनाये गए निष्फल नियमों के बारे में आपकी जागरूकता में सुधर लाते हैं
- वह आपको इस बात से जागरूक कराते हैं कि आप अपनी स्थिति का सामना करने के लिए सुरक्षा व्यवहार का इस्तेमाल कर रहे हैं
- वह आपको ये एहसास कराते हैं कि कैसे आपका व्यवहार और सोच आपके लिए सब कुछ मुश्किल बना रहे हैं
मेडिकेशन / दवाइयां
एंटी-डिप्रेसेंट्स, बीटा-ब्लॉकर्स और ट्रैंक्विलाइज़र जैसी दवाइयां भी आपको सामाजिक चिंता से छुटकारा दिलाने में मदद कर सकती हैं। अन्य CBT उपचार के चलते आपके मनोरोग चिकित्सक इनकी भी सलाह दे सकते हैं।
क्या इन उपचारों से मेरी सामाजिक चिंता ख़त्म हो जायेगी?
आत्मनिर्भरता के आंकड़े, किताबें और CD भी उपचार के काफी प्रभावशाली विकल्प हैं। सामाजिक चिंता से पीड़ित लगभग 50 प्रतिशत रोगी अपने आत्म-प्रदर्शन पर प्रतिक्रिया दिखाते हैं। CBT, SSR मेडिकेशन से ज़्यादा प्रभावशाली होता है इसलिए मेडिकेशन का इस्तेमाल करने से पहले एक बार इसे ज़रूर आज़माना चाहिए। सामाजिक चिंता के विकार से पूरी तरह निजाद पाने के लिए ऊपर बताये गए विकल्प अवश्य ही काफी प्रभावशाली है।