ईटिंग डिसऑर्डर किसे कहते हैं?
खाने की कुछ आदतें ऐसी होती हैं जो हमें स्वस्थ रहने में मदद कर सकती हैं लेकिन खाने के बहुत से तरीके व आदतें ऐसी भी हैं जो स्वास्थ्य को नुक्सान पहुंचा सकती हैं। वज़न बढ़ने का बहुत अधिक डर ही खाने की गलत आदतों का कारण होता है। खाने की ये गलत आदतें किसी भी व्यक्ति का स्वास्थ्य खराब कर सकती हैं और इन्ही को ईटिंग डिसऑर्डर्स के नाम से जाना जाता है। ईटिंग डिसऑर्डर के दो मुख्य प्रकार होते हैं जो एनोरेक्सिया नर्वोसा और बुलीमिया नर्वोसा हैं जबकि अन्यों में बिंगे ईटिंग डिसऑर्डर शामिल है। हालांकि ये अलग-अलग प्रकार के खाने के विकार हैं फिर भी इनके कई लक्षण एक जैसे हैं। आमतौर पर खाने के विकार पुरुषों और लड़कों की तुलना में महिलाओं और लड़कियों के अन्दर 10 गुणा ज़्यादा होते हैं।
एनोरेक्सिया नेर्वोसा के लक्षण क्या हैं?
एनोरेक्सिया नेर्वोसा के बेहद सामान्य लक्षण इस प्रकार हैं:
- अपने वज़न की निरंतर चिंता
- बेहद कम खाना और अपनी कैलोरीज़ का ध्यान रखना
- कैलोरीज़ को ख़त्म करने के लिए बहुत अधिक व्यायाम करना
- वज़न घटाने की इच्छा
- हर समय अपना वज़न नापने की धुन में रहना
- जहाँ खाने की व्यवस्था हो उस सामाजिक कार्य में भाग न लेना
- अपना शरीर छुपाने के लिए ढीले कपड़े पहनना
- खाने की चीज़ों में बहुत ज़्यादा नुकताचीनी और खाने का अच्छे और बुरे में वर्गीकरण करना
- नियमित समय पर न खाना
- खाने और व्यायाम के लिए एक निश्चित समय का पालन करना
- शरीर के अनुकूल वज़न बढाने की बजाय उसे घटाना
- वज़न घटाने के लिए लैक्सेटिव या अन्य किस्म की गोलियां खाना
- वज़न को नियंत्रित रखने के लिए सिगरेट पीना
- वज़न को नियंत्रित रखने के लिए च्युइंग गम खाना
- सम्भोग / सहवास में रूचि न रखना
एनोरेक्सिया नेर्वोसा की शुरुआत कब होती है?
एनोरेक्सिया नेर्वोसा की शुरुआत कभी भी हो सकती है लेकिन ज़्यादातर यह किसी भी व्यक्ति की किशोरावस्था में शुरू होती है। 15 साल के 150 बच्चों में से, यह अवस्था एक लड़की/बच्ची को प्रभावित करती है। 15 साल के 1000 बच्चों में से यह एक लड़के/बच्चे को प्रभावित करती है।
मुझमें एनोरेक्सिया नेर्वोसा के विकसित होने पर क्या होगा?
एनोरेक्सिया नेर्वोसा के विकसित होने पर आप निम्नलिखित का सामना कर सकते हैं :
- जितनी आप ले सकते हैं उससे कम कैलोरीज़ लेंगे
- आप व्यायाम और पतले होने की दवाइयां लेंगे और कम वज़न के लिए सिगरेट भी पियेंगे
- खाने से बचेंगे
- भूख से तड़पेंगे और खाने के बारे में सोचे बिना नहीं रह पाएंगे
- आप डरते रहेंगे कि आपका वज़न बढ़ जायेगा और अपने वज़न को घटाने के लिए आप अपनी सारी शक्ति लगा देंगे
- आप जानेंगे की आपके परिवार को पता लग गया है कि आपका शारीर कितना दुबला हो गया है
- दुसरे लोगों से खाए हुए खाने की मात्रा को छुपाने की कोशिश करेंगे
- कम खाने के चक्कर में बीमार पड़ने की कोशिश करेंगे
जो महिलाएं एनोरेक्सिया नेर्वोसा की अवस्था में होती हैं वह ये जान पाएंगी कि उनके पीरियड्स रुक सकते हैं या अनियमित समय पर हो सकते हैं। यह स्थिति अगर पुरुषों या लड़कों को प्रभावित करती है तो उनका तनाव/इरेक्शन बंद हो जाता है व स्वप्नदोष की समस्या हो जाती है और साथ ही उनके अंडकोष का आकार भी सिकुड़ने लगता है।
आमतौर पर, एनोरेक्सिया नेर्वोसा की शुरुकात तब होती है जब व्यक्ति अपनी किशोरावस्था में होता है। हालांकि, ऐसी परिस्थिति कभी भी खड़ी हो सकती है। यह अवस्था बहुत ही हानिकारक होती है और अगर यह लगातार बनी रहे तो स्वास्थ्य को गंभीर रूप से नुक्सान पहुंचा सकती है और मुमकिन है कि व्यक्ति की जान भी जा सकती है।
एनोरेक्सिया नेर्वोसा से पीड़ित होने पर क्या मैं खुद की मदद कर सकता हूँ?
अच्छी खबर यह है कि अगर आप एनोरेक्सिया नेर्वोसा से पीड़ित हैं तो अपनी मदद यकीनन कर सकते हैं। निम्नलिखित चरण / स्टेप्स आपको इस परिस्थिति से निकलने में मदद करेंगे:
- एक डायरी बनाएं जिसमें आप अपने द्वारा खाए जाने वाले खाने, अपने विचारों और अनुभवों को लिख सकें।
- सिर्फ खुद से ही नहीं बल्कि दूसरों के साथ भी ईमानदारी बनाए रखिये। आराम करने की कोशिश करें और हर समय परेशान न रहें।
- अपने सही वज़न को पहचानें और इसका कारण जानें कि इतना वज़न आपके लिए क्यों सही है।
- अपने खाने के तरीकों को सुधारें और सीखने की कोशिश करें कि इन आदतों को कैसे सुधार सकते हैं।
- अपने शारीर के बारे में सकारात्मक तरीके से सोचें।
- एक स्वयं-सेवी समूह से जुडें, जो आपको खाने के विकार जैसी समस्या का सामना करने में मदद कर सकता है।
दूसरे लोग मेरी मदद कैसे कर सकते हैं?
दूसरे लोग आपकी मदद कर सकते हैं: अपने परिवार वालों, दोस्तों से बात करें और उन लोगों का समर्थन लें जो आपकी इस अवस्था पर नज़र रख सकते हैं और आपके व्यवहार को सुधारने की सलाह दे सकते हैं।
एनोरेक्सिया नेर्वोसा का उपचार कैसे करें?
एनोरेक्सिया नेर्वोसा शारीरिक समस्याओं का कारण बन सकता है और ऐसे में एक विशेषज्ञ की ज़रूरत पड़ सकती है। ठीक ऐसे ही, कुछ शारीरिक बीमारियाँ एनोरेक्सिया के रूप में उत्पन्न हो सकती हैं, इसलिए समझदारी इसी में है कि आप अपने स्वास्थ्य की जांच कराएं। एक सामान्य चिकित्सक आपके मामले में एक विशिष्ट परामर्शदाता या मनोरोग चिकित्सक या फिर नैदानिक मनोवैज्ञानिक की सलाह दे सकता है।
निम्नलिखित उपचार एनोरेक्सिया नेर्वोसा से पीड़ित लोगों के लिए इस्तेमाल किये जाते हैं:
- साइकोथेरेपी/काउन्सलिंग
- पोषण संबंधी सलाह और काउन्सलिंग
- मनोरोग चिकित्सक की सहायता
- आगे के उपचार के लिए अस्पताल में भरती होना
- आवश्यक उपचार
साइकोथेरेपी/काउन्सलिंग
जो भी आप सोच रहे हैं या महसूस कर रहे हैं उसके बारे में अपने चिकित्सक से बात करना बेहतर है। यह आपके खाने के विकार की समस्या को बेहतर रूप से समझने में मदद करेगा और आपको सीखने को मिलेगा कि कैसे आप बदलावों के ज़रिये स्वास्थ्यवर्धक खाने के अभ्यास को समझ सकते हैं। हालांकि अपने खाने के विकार के बारे में बात करना हमेशा आसान नहीं होता, लेकिन एक अच्छा चिकित्सक आपको प्रोत्साहित कर सकता है और आपको आपकी इस अवस्था का सामना करने में मदद कर सकता है। एक अच्छा परामर्शदाता और चिकित्सक आपके आत्मसम्मान में सुधार लाने में मदद करेगा और खुद में आपके विश्वास को फिर से बनाएगा। संज्ञात्मक व्यवहार उपचार का केंद्रित रूप ढूँढा जा सकता है जो आपको अपने शरीर की छवि और वज़न के बारे में पैदा होने वाली ख़राब सोच और धारणाओं के तरीकों को पहचानने में मदद करता है और साथ ही उन्हें अधिक समझदारी और अपने बारे में सोचने के सहायक तरीको द्वारा सही करने में मदद करता है।
सलाह
स्वास्थ्यवर्धक खाना किस तरह से खाना है इसके बारे में आप एक आहार विशेषज्ञ से बात कर सकते हैं। आहार विशेषज्ञों के पास पर्याप्त अनुभव और जानकारी होती है जो आपको खाने के स्वास्थ्यवर्धक तरीकों का पालन करने में मदद कर सकते हैं और वह आपको विटामिन सप्लीमेंट्स / पोषक परिपूरकों को लेने की भी सलाह दे सकते हैं। नियमित वज़न और परहेज़ को नज़र में रखना बहुत ही ज़रूरी है।
मनोरोग चिकित्सक की सहायता
आपके खाने के विकारों की समस्या के बारे में बात करने के लिए विशेषज्ञ उपलब्ध हैं जो आपसे आपकी समस्याओं के बारे में विस्तार से पूछेंगे जैसे कि यह कब शुरू हुयी और कैसे विकसित हुयी। वह आपका वज़न नापेंगे और एक शारीरिक परीक्षण की नियुक्ति करेंगे। हालांकि एनोरेक्सिया नेर्वोसा से पीड़ित लोग विशेषज्ञों के साथ बात करने में थोड़ी मुश्किलों का सामना करते हैं जबकि उन्हें ऐसा ज़रूर करना चाहिए। आपकी समस्या की शुरुआत के बारे में विशेषज्ञ आपके परिवार वालों से भी बात कर सकते हैं। अगर आप अन्य परिस्थितियों से भी पीड़ित हैं जैसे कि आसक्त बाध्यकारी विकार / आॉब्सेसिव कम्पल्सिव डिसऑर्डर या डिप्रेशन/निराशा, तो इन सहवर्ती लक्षणों से लड़ने के लिए विशेषज्ञ आपको दवाइयों की सलाह देंगे।
पारिवारिक परामर्श
परिवार में मौजूद एक एनोरेक्सिक सदस्य के बीच रहते हुए परिवार वाले भी अत्यधिक तनाव के घेरे में आ जाते हैं और उन्हें समर्थन की ज़रूरत पड़ सकती है। वह आपके खाने और व्यायाम की विशेष या विचित्र आदतों को समझने के लिए सहायता ले सकते हैं और आपको सिखा सकते हैं कि आप अपनी समस्या का सामना कैसे करें। पारिवारिक परामर्श आपके परिवारजनों के साथ होने वाली ख़राब बातचीत के विषय को पहचाने में भी मदद करने की कोशिश करेगा क्योंकि इनका सम्बन्ध खाने के विकार से हो सकता है।
अस्पताल में भर्ती
अगर आपका वज़न इतना ज़्यादा कम हो गया है जिसके कारण आपकी स्थिति बिगड़ गयी है और आपको चिकित्सकीय समस्याएं हो रही हैं तो आपको अतिरिक्त उपचार के लिए अस्पताल में भरती होना ही पड़ेगा।
ख़ुशी की बात यह है कि ऊपर बताये गए उपचार काफी प्रभावशाली हैं और उनमें से 50 प्रतिशत लोग जिनका उपचार किया गया है वह ठीक हो गए हैं, हालांकि ठीक होने में कुछ समय लग सकता है।
बुलिमिया नेर्वोसा
बुलिमिया नेर्वोसा खाने का एक और विकार है जिसमें व्यक्ति बार-बार अत्यधिक खाने के एक ही तरीके में लिप्त रहता है और फिर वज़न बढ़ने से बचने के लिए उल्टी या परिष्करण/शुद्धिकरण की कोशिश करता है।
इसके मुख्य संकेतों व लक्षणों में शामिल हैं:
- अपने वज़न को लेकर चिंतित हो जाना
- ज़्यादा खाना या खाते ही रहना
- ज़्यादा खाने के बाद उलटी की कोशिश करना
- अतिरिक्त कैलोरीज़ से बचने के लिए लगातार विरेचक/लेक्सेटिव्स का उपयोग
- अनियमित पीरियड्स
- अपने खाने के तरीके के बारे में खुद को दोषी मानना
- अक्सर थकान महसूस करना
बुलिमिया नेर्वोसा की शुरुआत कब होती है?
एनेक्सोरिया की तरह, बुलिमिया भी किशोरावस्था के बीच शुरू होता है और 100 महिलाओं में से लगभग 4 को प्रभावित करता है। इससे पहले कि वह व्यक्ति इसे एक गंभीर समस्या के रूप में जान पाए जिसे मदद की ज़रूरत है, यह अक्सर कई सालों तक चलती रहती है, वो भी जब तक कि यह उनके संबंधों और काम को प्रभावित नहीं करती।
बुलिमिया नर्वोसा का उपचार
बुलिमिया नर्वोसा के उपचार में शामिल हैं:
- साइकोथेरेपी
- एडवाइस
- मेडिकेशन
साइकोथेरेपी
मानसिक व्यवहार थेरेपी या CBT आपको बुलिमिया नर्वोसा की समस्या से निजाद दिला सकती है। इस अवस्था से निकालने में आपको एक थेरेपिस्ट और सेल्फ-हेल्प बुक भी मददगार हो सकते हैं। CBT का प्रभाव काफी गहरा होता है क्योंकि यह आपके शारीरिक वज़न और आकार व साथ ही कड़े आहार नियमों के सम्बन्ध में आपके विचारों, अनुभवों, प्रतिक्रियाओं के बीच के रिश्ते को पहचानने में मदद करती है। इसका मुख्य केंद्र आपकी शारीरिक छवि और वज़न से सम्बंधित दकियानूसी धारणाओं और सोच को सही दिशा में ले जाना होता है।
कुछ थेरेपिस्ट अंतरव्यक्तिगत थेरेपी का भी इस्तेमाल करते हैं। इस तरह के उपचार में अन्य लोगों से आपके सम्बंधों को समझने पर ध्यान दिया जाता है और उनमें फिर से सुधार लाया जाता है ताकि अस्वस्थ खाने के तरीकों को अपनाने की बजाय वह आपकी भावनात्मक ज़रूरतों से मेल खा सकें।
न्यूट्रीशनल एडवाइस
बुलिमिया नर्वोसा से बाहर आने के लिए आहार विशेषज्ञ से सलाह लेना काफी महत्वपूर्ण होता है क्योंकि इससे आप अपने वज़न को कम रखने के लिए भूखे रहने और उलटी किये बिना अपने खाने की सामान्य आदतों को फिर से वापस अपना सकते हैं।
मेडिकेशन
ज़्यादातर मनोरोग चिकित्सक आपको एंटी-डिप्रेसेंट्स की सलाह देते हैं क्योंकि यह आपको ज़्यादा खाने की उत्तेजना पर नियंत्रण पाने में मदद करते हैं। हालांकि, मेडिकेशन के साथ अन्य प्रकार की थेरेपी भी ज़रूरी हैं।
किस से मदद मांगें?
आप GP, विशिष्ट काउंसलर, मनोरोग चिकित्सक या फिर क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट से परामर्श लेकर किसी पेशेवर की सहायता ले सकते हैं। अगर आप घर पर ही रहते हैं, तो आपके परिवार वालों की ज़िम्मेदारी बनती है कि जो खाना आप खाते हैं उसका पूरी तरह निरिक्षण करें। कुछ जगहों पर समर्थन समूह भी मौजूद होते हैं जैसे कि ऑन-लाइन फ़ोरम्स जिन तक पहुंचना बहुत ही आसान होता है।
एनोरेक्सिया और बुलिमिया एक व्यक्ति को कैसे प्रभावित करते हैं?
अगर आप एनोरेक्सिया और बुलिमिया से पीड़ित हैं तो निम्नलिखित अनुभव आपके सामने आयेंगे:
- मनोवैज्ञानिक लक्षण
- शारीरिक लक्षण
मनोवैज्ञानिक लक्षणों में शामिल हैं:
- ठीक से न सोना
- ध्यान न देना और ठीक से न सोच पाना
- उदास रहना, खुद को दोषी मानना, गुस्से और चिंता का अनुभव करना
- अन्य लोगों में रूचि न रखना
- खाने की धुन सवार रहना, कभी-कभी धुलाई और सफाई के लिए आगे बढ़ना
शारीरिक लक्षणों में शामिल हैं:
- पेट का माप कम होने के कारण खाने में मुश्किल आना
- बार-बार कब्ज़ होना
- मेटाबॉलिक दरों की धीमी गति के कारण अक्सर थकान, कमज़ोरी और ठण्ड महसूस करना
- बालों का अधिक झड़ना और त्वचा बेहद रूखी और उसपर दाग-धब्बे हो जाना
- हड्डियों का कमज़ोर हो जाना
- मासिक-धर्म में रुकावट और गर्भ धारण करने में मुश्किल आना
- लिवर का ख़राब होना, खासकर शराब के कारण
- कुछ मामलों में यह मृत्यु का कारण भी बन सकता है
जो लोग उलटी करते हैं वह:
- अपने दाँतों पर से इनेमल को खो सकते हैं
- उनके चेहरे गाँठ की तरह सूजे हुए हो सकते हैं
- ज़्यादातर थके हुए व कमज़ोर महसूस करते हैं
जो लोग लेक्सेटिव लेते हैं वह:
- पेट के हिस्सों में निरंतर दर्द का अनुभव करते हैं
- लेक्सेटिव लिए बिना टॉयलेट नहीं जा पाते हैं
वज़न में उतार-चढ़ाव महसूस करते हैं
खाने के विकारों के क्या कारण हैं?
खाने के विकारों का कोई समुचित कारण अभी तक सामने नहीं आया है लेकिन इससे जुड़े कुछ तथ्य हैं जैसे कि:
- नियंत्रण में रहते हुए एक व्यक्ति का जूनून, वह जो खाते हैं उसपर नियंत्रण के रूप में प्रकट होता है
- एक निर्धारित समय में परेशान कर देने वाली घटनाएँ जैसे कि मृत्यु, लम्बे समय से चल रही शारीरिक बीमारी, यौन उत्पीड़न सभी एनोरेक्सिया और बुलिमिया से संबंधित होती हैं
- एनोरेक्सिया को परिपक्वता से जुड़े कुछ शारीरिक बदलावों को रिवर्स करने के लिए जाना जाता है
- आप खाना न खाने के लिए लगातार अपने परिवार वालों को सन्देश देना चाहेंगे। यह एक तरीका है अपने परिवार वालों को बताने का कि आप खुश नहीं हैं।
- इसका सामना करने के लिए डिप्रेशन सांत्वना या अत्याहार का रूप ले सकता है।
- आत्मसम्मान में कमी महसूस करने के कारण व्यक्ति दूसरों के साथ खुद की नकारात्मक रूप से तुलना करने लगता है।
- सामाजिक दबाव और मीडिया के प्रभाव जो विरलता/दुबलेपन को महत्त्व देते हैं।
- अनुवांशिक तरीके जो परिवारों के बीच चलते हैं
खाने के विकार का रूप या कारण कुछ भी हो, जल्द से जल्द इसके लक्षणों की पहचान, समझ और इसे स्वीकार करना ज़रूरी है क्योंकि इसमें स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा विशिष्ट उपचार की ज़रूरत होती है, और यही एक रास्ता है इस दुर्बल अवस्था से बाहर निकलने का।